जमशेदपुर/बोकारो। झारखंड में 250 करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा हुआ है। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI), जमशेदपुर की टीम ने इस बड़े सिंडिकेट के मास्टरमाइंड, लोहा कारोबारी प्रदीप कलबलिया को गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया।
सूत्रों के मुताबिक, डीजीजीआई टीम ने मंगलवार को बोकारो के चास स्थित मानसरोवर अपार्टमेंट में ताबड़तोड़ छापेमारी कर प्रदीप को गिरफ्तार किया। उसके ठिकाने से 50 लाख रुपये से अधिक नकदी, फर्जी बिल, चालान बुक, लैपटॉप, मोबाइल, पेन ड्राइव और डिजिटल दस्तावेज जब्त किए गए। टीम ने घोटाले से जुड़े कई बैंक खातों को भी फ्रीज कर दिया है।
जमशेदपुर से चला फर्जीवाड़े का जाल
डीजीजीआई, जमशेदपुर के अपर निदेशक सार्थक सक्सेना के नेतृत्व में टीम ने यह कार्रवाई की। जांच में सामने आया है कि यह सिंडिकेट झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश तक फैला था। फर्जी कंपनियां बनाकर लोहा-स्टील कारोबार में नकली बिलिंग के जरिये इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दुरुपयोग किया जा रहा था। इससे सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया।
पहले पकड़े गए आरोपियों ने खोला राज
इस पूरे नेटवर्क की जड़ें 23 जुलाई को तब खुलीं जब डीजीजीआई ने धनबाद के हीरापुर निवासी अवनीश जायसवाल और मटकुरिया के मोहम्मद फैजल खान को गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान दोनों ने प्रदीप कलबलिया का नाम बताकर खुलासा किया कि वह इस पूरे फर्जीवाड़े का मुख्य संचालक है।
एक-एक कर बेनकाब होंगे सफेदपोश
डीजीजीआई अधिकारियों का कहना है कि प्रदीप से आगे की पूछताछ में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। टीम ने उसके लेन-देन और साझेदारी से जुड़े दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है।
कार्रवाई का असर
प्रदीप कलबलिया को जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। यह झारखंड में अब तक का सबसे बड़ा जीएसटी इनवाइस घोटाला माना जा रहा है।

0 Comments