मुंबई, 17 अक्तूबर 2025: बैंक ऑफ़ इंडिया ने वित्तीय वर्ष 26 की पहली छमाही में वर्ष-दर-वर्ष 18% की वृद्धि के साथ ₹4,807 करोड़ का निवल लाभ अर्जित किया। यह वृद्धि मजबूत आय गति और अनुशासित ऋण प्रबंधन से प्राप्त की गई। अकेले वित्तीय वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में, वर्ष-दर-वर्ष 7.6% और तिमाही-दर-तिमाही 13.4% की वृद्धि के साथ निवल लाभ ₹2,555 करोड़ रहा।
आस्ति गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ : सकल एनपीए घटकर 2.54% हो गया (वर्ष-दर-वर्ष 187 बीपीएस और तिमाही-दर-तिमाही 38 बीपीएस की गिरावट) और निवल एनपीए 0.65% रहा (वर्ष-दर-वर्ष 29 बीपीएस, तिमाही-दर-तिमाही 10 बीपीएस की गिरावट)। ऋण लागत दूसरी तिमाही में वर्ष-दर-वर्ष 69 बीपीएस और तिमाही-दर-तिमाही 40 बीपीएस की गिरावट के साथ 0.28% रह गई। स्लिपेज अनुपात सितंबर 2024 में 0.44% और जून 2025 में 0.33% से घटकर 0.14% रहा।
कारोबार वृद्धि मज़बूत रही : वैश्विक अग्रिम वर्ष-दर-वर्ष 14% की वृद्धि के साथ ₹7 लाख करोड़ को पार कर गया जिसमें घरेलू अग्रिमों में 14.73% की वृद्धि प्रमुख रही। वैश्विक जमाराशियों में वर्ष-दर-वर्ष 10.08% और घरेलू जमाराशियों में वर्ष-दर-वर्ष 8.53% की वृद्धि हुई। कासा जमाराशियों में वर्ष-दर-वर्ष 3.95% की वृद्धि हुई और सितंबर के अंत में कासा अनुपात 39.39% रहा।
दूसरी तिमाही में, बैंक ने 7 लाख से अधिक नए ग्राहकों को जोड़ा, जिससे यूपीआई उपयोगकर्ताओं की संख्या 2.35 करोड़ से अधिक हो गई, जिसमें 96% लेनदेन वैकल्पिक चैनलों के माध्यम से हुए।

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